यह एक दिल दहलाने और चौंकाने वाली घटना उत्तर प्रदेश के सीतापुर की है। क्रूर दादा के इस क्रूर कारवाई को समझना मुश्किल है। जब एक दादा अपने साथ रहने वाले 2 साल के पोते की धारदार हतियार से जान लेने का कदम उठा लेता है, तो यह एक भयानक और समवेदनशील समस्या को दरुस्त करता है।
Sansanikhej :- bacche ke rone se pareshan dada ne pote aur bahu ko kaat dala
बच्चे के रोने पर इतनी बड़ी हदसात को देख कर बच्चे की माँ ने उसको बचाने के लिए कदम उठाया, लेकिन उसकी भी मौत हो गई, घटना की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुँची और दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इस घटना के बाद गाँव में सन्नाटा पसर गया। यह घटना बताती है कि कुछ लोग कितने ही उग्र हो सकते हैं। इस तरह की घटनाएं सामाजिक रूप से हमें यह याद दिलाती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य का समर्पण करना कितना ज़रूरी है।
पुलिस का तुरंत आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया और जाँच शुरू कर दी है। यह भी सच है कि ऐसे व्यक्ति का मानसिक संतुलन ठीक नहीं होता, और ऐसे व्यक्तियों के प्रति समाज में जागरूकता और उनका समवेदनशील इलाज होना भी अवश्यक है।
इस घटना से हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्णता को समझाने की ज़रूरत है। लोगों को इस तरह के मामले में सकारात्मक जागरूकता बनाए रखना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं कम हो सकें और लोगों को सही समय पर सही मदद मिल सके।
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