जानिए पीएम मोदी किस तरह लुभा रहे है उत्तर प्रदेश की जनता को.
(Know how PM Modi is tempted by the people of Uttar Pradesh)आम लोकसभा चुनाव की घोषणा का ऐलान किसी भी वक्त हो सकती है. लेकिन इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताबड़तोड़ उद्घाटन और शिलान्यास में जुटे हुए हैं, ताकि मतदाताओं को अपने पाले में किया जा सके. उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए खास है,
आम चुनाव में पार्टी ने यहां से 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी, यही कारण है कि मोदी फरवरी और मार्च में अबतक राज्य में 102,708 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास या लोकार्पण कर चुके हैं.
मोदी ने 11 फरवरी को वृन्दावन, मथुरा का दौरा किया था, जहां उन्होंने अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अक्षय पात्र मिड डे मील का 300 करोड़वां भोजन परोसा और इससे सम्बन्धित पट्टिका का अनावरण किया. उसके बाद 15 फरवरी को उन्होंने झांसी में 20,506 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं -बुन्देलखंड के लिए पाइप्ड पेयजल योजना, डिफेंस कॉरिडोर, बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे एवं रेल से जुड़ी लाभकारी व जनकल्याणकारी योजना- का शिलान्यास व लोकार्पण किया था. प्रधानमंत्री ने 19 फरवरी को वाराणसी में 3,382 करोड़ रुपये से अधिक की 47 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. इसके अलावा 24 फरवरी को उन्होंने गोरखपुर में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत की. हालांकि यह योजना पूरे देश के लिए है. लेकिन गोरखपुर के लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी उन्होंने किया. मोदी तीन मार्च को अमेठी पहुंचे, जहां उन्होंने 538 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया. इसके बाद प्रधानमंत्री आठ मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने 380 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली काशी विश्वनाथ धाम परियोजना का शिलान्यास किया. इसी दिन कानपुर में उन्होंने 1602,0.1989 करोड़ रुपये लागत की 11 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 703,0.056 करोड़ रुपये लागत की छह विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया. वही प्रधानमंत्री ने जनपद गाजियाबाद में 32,513 करोड़ रुपये की 14 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया.
प्रधानमंत्री मोदी जी उत्तर प्रदेश की 80 सीटों को ध्यान में रखकर यहां अपने चुनावी चौसर की बिसात बिछाते हुए दिख रहे है.मोदी को पता है कि केंद्र का रास्ता उप्र से ही खुलता है.इस बार उप्र में सपा-बसपा का गठबंधन है. इसलिए मोदी और शाह दोनों उत्तर प्रदेश पर खास ध्यान दे रहे हैं. मोदी ने इसके लिए दो फार्मूले अख्तियार किए हैं. एक विकास और दूसरा राष्ट्रवाद. राष्ट्रवाद का मुद्दा पुलवामा हमले के बाद से जोर पकड़ रहा है. मोदी जी योजनाओं के लोर्कापण और शिलान्यास के द्वारा अपनी विकास वाली तस्वीर को और मजबूत कर रहे हैं. मोदी को पता है कि केंद्र का रास्ता उप्र से ही खुलता है.
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