नाराज आदिवासियों को मनाने के लिए BJP ने आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी को राज्य का नेतृत्व सौंप दिया
अमित शाह और पीएम मोदी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती इसी के चलते आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी को राज्य का नेतृत्व सौंप कर पार्टी ने नाराज आदिवासियों को कांग्रेस के खेमे से खींचकर वापस अपने पक्ष में करने का दांव खेला है|
सांसद विक्रम उसेंडी छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष नियुक्त किए गये|
इस चुनाव में कांग्रेस को आदिवासियों का साथ मिला है और राज्य की 29 आदिवासी सीटों में से 25 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते हैं वहीं तीन आदिवासी सीटों पर भाजपा ने तथा एक मात्र सीट पर जोगी की पार्टी ने जीत हासिल की है राज्य में आदिवासी सीटों पर जनाधार खोने के बाद एक बार फिर भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आदिवासी नेता को कमान सौंपी है| वैसे राज्य निर्माण के बाद से नंदकुमार साय शिवप्रताप सिंह, विष्णुदेव साय और रामसेवक पैकरा जैसे आदिवासी नेता भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन इस बार के हालात अलग है और उसेंडी के लिए राह आसान नहीं है. हालांकि भाजपा को उम्मीद है कि उसेंडी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने से पार्टी को आदिवासी वर्ग का एक बार फिर साथ मिलेगा|
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने कहते हैं कि राज्य निर्माण के बाद से पार्टी ने ज्यादातर आदिवासी वर्ग को नेतृत्व सौंपा है उसेंडी बस्तर क्षेत्र के वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं| और वह लगातार सक्रिय भी हैं| उनकी छवि का लाभ पार्टी को जरूर मिलेगा इधर कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है|कि इसबार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तीन चौथाई बहुमत मिला है राज्य सरकार लगातार आदिवासी हित में काम कर रही है| आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार तय है| ऐसे में विक्रम उसेंडी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उनके सर पर हार का ठीकरा फोड़ने की भूमिका बनाई जा रही है. राजनीतिक पार्टियों को निर्वाचन आयोग की सख्त हिदायत चुनाव प्रचार में सैनिकों और सेना की तस्वीरों का इस्तेमाल न करेंराज्य में राजनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर कहते हैं| कि बीते विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है भाजपा से जो भी आदिवासी नेता चुनाव जीते हैं वह अपने प्रभाव के कारण जीते हैं|
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